तरसि हुइ हैं मुद्दत से आन्खें - The Indic Lyrics Database

तरसि हुइ हैं मुद्दत से आन्खें

गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - अशोक कुमार | संगीत - NA | फ़िल्म - नजमा | वर्ष - 1943

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तेरा खिलौना टूटा बालक

तेरा खिलौना टूटा बालक

तेरा खिलौना टूटा

हैं क़िसमत ने लूट तुझको

हैं क़िसमत ने लूट

तेरा खिलौना टूटा

गगन पे बैठकर खेल निराली

खेले खेलनहार

देखो लोगों कठपुतली का

नाटक हैं संसार

हम तुम हैं सब खेल खिलौने

मिठे कड़वे और सलोने

खेलो बच्चों ले लो बच्चों

दो कौड़ी में बिकता है इनसान

ले लो भोला सा भगवान

ले लो भुख़ा हिंदुस्तान

ले लो ये made in Japan

ये है लल्लू ये है ग्याण

ये है कल्लू ये है प्राण

तू क्यूँ रोता चंदर्भान

मा ने पीटा मेरी जान

न हो रो रो के हलकान

तू है भारत के संतान

ले ले तू ये तीर कमान

मेरे प्यारे पहलवान

बचाले अपने घर की शान

पी ले बीड़ी खा ले पान

मेरे खिलौने दो दो आने

खेलो बच्चों ले लो बच्चों

लाया हूँ कागज़ का गुलबूटा

तेरा खिलौना टूटा

तेरा खिलौना टूटा बालक

तेरा खिलौना टूटा

हैं क़िसमत ने लूट तुझको

हैं क़िसमत ने लूट

तेरा खिलौना टूटा

गगन पे बैठकर खेल निराली

खेले खेलनहार

देखो लोगों कठ्पुतली का

नाटक हैं संसार