वो सुबह कभी तो आयेगी, वो सुबह कभी तो आयेगी - The Indic Lyrics Database

वो सुबह कभी तो आयेगी, वो सुबह कभी तो आयेगी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मुकेश | संगीत - दान सिंह | फ़िल्म - मेरा प्यार | वर्ष - 1970

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वो सुबह कभी तो आयेगी, वो सुबह कभी तो आएगी
इन काली सदियों के सर से, जब रात का आँचल ढलकेगा
जब दुःख के बादल पिघलेंगे, जब सुख का सागर छलकेगा
जब अंबर झूम के नाचेगा, जब धरती नग्में गाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से, हम सब मर मर कर जीते हैं
जिस सुबह के अमृत की धुन में हम जहर के प्याले पीते हैं
इन भूखी प्यासी रूहों पर एक दिन तो करम फरमाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
माना के अभी तेरे मेरे अरमानों की क़ीमत कुछ भी नहीं
मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर, इन्सानों की क़ीमत कुछ भी नहीं
इन्सानों की इज़्ज़त जब झूठे सिक्कों में ना तोली जाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी