ग्म्द:दो बिछड़े हुए - The Indic Lyrics Database

ग्म्द:दो बिछड़े हुए

गीतकार - शकील | गायक - लता, जी एम दुर्रानी | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - शायर | वर्ष - 1949

View in Roman

दुनिया हमारे प्यार की यूँ ही जवाँ रहे

क: दुनिया हमारे प्यार की यूँ ही जवाँ रहे

ल: मैं भी वहीँ रहूँ मेरा साजन जहाँ रहे



ल: दो दिन की ज़िंदगी है इसे यूँ गुज़ार दे

उजड़ी हुई ये प्यार की राहें सँवार दे

हम तुम यहाँ रहे ना रहे इस का ग़म नहीं

लेकिन हमारे प्यार का बाकी निशाँ रहे

मैं भी वहीं रहूँ मेरा साजन जहाँ रहे

क: दुनिया हमारे प्यार की यूँही जवाँ रहे

ल: मैं भी वही रहूँ मेरा साजन जहाँ रहे



क: दुनिया में छोड़ जायेंगे हम वो निशानियाँ

बन जायेंगी जो प्यार की मीठी कहानियाँ

दो: दुनिया हमारे बाद हमें यूँ करेगी याद

दो प्यार करने वाले हैं पर एक जाँ रहे

मैं भी वहीं रहूँ मेरा साजन जहाँ रहे

दुनिया हमारे प्यार की यूँही जवाँ रहे

मैं भी वहीं रहूँ मेरा साजन जहाँ रहे

दुनिया हमारे प्यार की