काहे कोयल शोर मचाये रे मोहे अपना कोई याद आये रे - The Indic Lyrics Database

काहे कोयल शोर मचाये रे मोहे अपना कोई याद आये रे

गीतकार - बेहज़ाद लखनवी | गायक - शमशाद | संगीत - राम गांगुली | फ़िल्म - आग | वर्ष - 1948

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कभी पंघट पे आ जा

कभी पंघट पे आ जा

मेरे सपनों के राजा

आ जा, आ जा

कभी पन्घट पे आ जा

जिसे चाहूं मैं पानी पिला दूं

मैं पानी पिला दूं

उसे दुनिया का सब कुछ भुला दूं

मैन सब कुछ भुला दूं

तेरे होश भी गँवा दूं

ज़रा नैन तो मिला जा

कभी पंघट पे आ जा

मेरी गग्री से पी लो पानी

आ के जाए ना उसकी जवानी

पानी पीने के बहाने

दिल की प्यस्स तो भुजा जा

कभी पंघत पे आ जा

तेरे लिये मैं पंघट पे आऊं

पनियां भरन का बहाना बनाऊं

कहीं देखे न ज़माना

राजा चोरी चोरी आजा

कभी पंघत पे आ जा