बेवकूफियां (टाइटल) - The Indic Lyrics Database

बेवकूफियां (टाइटल)

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2014

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दिल को समझा बुझा के
खुद को उल्लू बनके
उल्लू सीदा करता रहता है
जो टूटा नहीं है
तुझसे रूठ नहीं है
फिर क्यों ऐसे दुखता रहता है

नकली दिलसे फ़र्ज़ी खुलासे
गलती पे परदे यह डाले हे
देकर यह झांसे
खुद को ही फांसी
नुक्सान में ढूंढें मुनाफे

बेवकूफियां
बेमतलब बेतुकी से
बेकार सी बुद्धु सी
बेवजह बेवकूफियां

बेवकूफियां
बेमतलब बेतुकी से
बेकार सी बुद्धु सी
बेवजह बेवकूफियां

पर उतरा नहीं है
बिलकुल सुधरा नहीं है
मुहं के बल यह गिरता रहता है
अब भी बिगड़ा नहीं है
सब कुछ बिखरा नहीं है
मुहं लटका क्यूँ फिरता रहता है
कितने दिनों से औरों को कैसे
कैसी यह जिद्द पे अड़ गया
कोई तोह तोके
कम से कम रोके
कब तक खुद को देगा यह धोके

बेवकूफियां
बेमतलब बेतुकी से
बेकार सी बुद्धु सी
बेवजह बेवकूफियां

बेवकूफियां
बेमतलब बेतुकी से
बेकार सी बुद्धु सी
बेवजह बेवकूफियां

है नादान रे आसान है रे
इन हिस्सों को तोह जोड़ना
क्यों परेशां है
न मुश्किल है
मुआफी के बोल बोलना

ऐसी झूठी मूठी
क्यूँ तारी है मारे
क्या मिलेगा तू बता
अब क्या हिस्साब खोले
तू क्या ाना पे तुले
क्या खोया है क्या हारा

बेवकूफियां
बेमतलब बेतुकी से
बेकार सी बुद्धु सी
बेवजह बेवकूफियां

बेवकूफियां
बेमतलब बेतुकी से
बेकार सी बुद्धु सी
बेवजह बेवकूफियां.