किसको सुनायें हाल-ए-दिल - The Indic Lyrics Database

किसको सुनायें हाल-ए-दिल

गीतकार - मोती | गायक - रफ़ी, ललिता देवूलकर / रफ़ी | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - साजन | वर्ष - 1947

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हर दिन है नया

अमी : हर दिन है नया

ह हा हा हा ह हा

हर दिन है नया, हर रात निराली है

अशो : तू है दिल में तो रोज़ दीवाली है

अमी : हर दिन है नया

अशो : ह हा हा हा ह हा

सुनसान घना जंगल

अमी : मन है डर से चंचल

अशो : ओ चंचल नदिया, तू प्यासे के पास कहाँ आई

चंचल नदिया, तू प्यासे के पास कहाँ आई

अमी : नदिया को प्यासे पिया की

अशो : प्रीत बुला लाई

जंगल की डगरिया काँटों वाली है

अमी : तू है दिल में तो रोज़ दीवाली है

हर दिन है नया

अशो : रात खिली की, चाँद सी सुन्दर

प्यार भरी तुम कौन

तुम कौन

अमी : मैं तेरी दीवानी

प्रेम भी पा रे, बोले शिकारे

भेद भरे तुम कौन

अशो : मैं राजा, तुम रानी, तुम रानी

अमी : भरपूर चमन है रुत मतवाली है

अशो : तू है दिल में तो रोज़ दिवाली है

अमी : ओ हो ओ ओ ओ ओ

हो गौर किया तो ओर

हो गौर किया तो प्यारा है काली

अशो : तुम हो मेरी आँखों की उजियाली

अमी : चुपकेचुपके बातें होतीं, चुपके होता प्यार

चुपके होता प्यार

अशो : इसी तरह अनजान में बनता है नया संसार

अमी : आ आ

दो : बनता है नया संसार

हम दो पंछी बस एक ही डाली है

तू है दिल में तो रोज़ दीवाली है

हर दिन है नया