घेरता है गर अंधेरा ये सितारे मन मोरे हाय ये सितारे - The Indic Lyrics Database

घेरता है गर अंधेरा ये सितारे मन मोरे हाय ये सितारे

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, सहगान, शमशाद बेगम | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बैजू बावरा | वर्ष - 1952

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घिर्त है अगर एन्डहेर गम न कर गम न कर्
दो घडी मे मुस्कुरएगी शहर तु गम न कर्
घिर्त है अगर एन्डहेर गम न कर गम न कर्

धल गय इक और दिन अछ हुअ समझो
जिन्दगी जित्नी कती गम कम हुअ समझो
शुक्र कर कुच कम हुअ ए जिद्गनी क सफर्
घिर्त है अगर एन्डहेर गम न कर गम न कर्
ए सितरे जल के भि खुश है रत के अङरे
ए सितरे जल के भि खुश है रत के अगारे
गीत ए उम्मिद क रो धो के ग रहे है ए बिचारए

मन मोरे हए तु कहे घब्रए
कहे तु दरे कहे निन्दिय न आए
मन मोरे हए तु कहे घब्रए
कहे तु दरे कहे निन्दिय न आए
रख तु सम्भल के दिल कि ए दौलत्
आन्सुओ के मोती कहे को गन्वए
रख तु सम्भल के दिल कि ए दौलत्
आन्सुओ के मोती कहे को गन्वए
मन मोरे हए
मन मोरे हए तु कहे घब्रए
कहे तु दरे कहे निन्दिय न आए
मन मोरे हए