गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - सुरैया | संगीत - NA | फ़िल्म - अठारह सौ संतावन/1857 | वर्ष - 1946
View in Romanउस दिल की क़िस्मत क्या कहिये
उस दिल की क़िस्मत क्या कहिये
उस दिल की क़िस्मत क्या कहिये
जिस दिल का सहारा कोई नहीं
बेदर्द ज़माने क्या तेरी
बेदर्द ज़माने क्या तेरी महफ़िल में हमारे कोई नहीं
बेदर्द ज़माने
इस ग़म की रात के आँचल में,वैसे तो हज़ारों तारे हैं
वैसे तो हज़ाअरों तारे हैं
बनजाये जो आस मुसाफ़िर की
बनजाये जो आस मुसाफ़िर की ऐसा ही सितारा कोई नहीं
बेदर्द ज़माने
उल्फ़त के चमन में अई नादां
उल्फ़त के चमन में अई नादां क्यूँ ढूँढ रहा है कलियों को
यहाँ ग़म के काँटे उठतेचुबते? हैं
यहाँ ग़म के काँटे उठते हैं, फूलों का नज़ारा कोई नहीं
बेदर्द ज़माने