रामा रामा रटते रटते - The Indic Lyrics Database

रामा रामा रटते रटते

गीतकार - माता शबरी | गायक - Common People | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 1972

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रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भीलनी की डगरिया ॥

मैं शबरी भिलनी की जाई,
भजन भाव ना जानूं रे ।
राम तेरे दर्शन के हित,
वन में जीवन पालूं रे ।
चरणकमल से निर्मल कर दो,
दासी की झोपड़िया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥

रोज सवेरे वन में जाकर,
फल मैं चुन-चुन लाऊंगी ।
अपने प्रभु के सन्मुख रख के,
प्रेम से भोग लगाऊँगी ।
मीठे मीठे बेरों की मैं,
भर लाई छबरिया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥

श्याम सलोनी मोहिनी मूरत,
नैनों बीच बसाऊंगी ।
सुबह शाम नित उठकर मैं तो,
तेरा ध्यान लगाऊँगी ।
पद पंकज की रज धर मस्तक,
जीवन सफल बनाउंगी ।
अब क्या प्रभु जी भूल गए हो,
दासी की डगरिया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥

नाथ तेरे दर्शन की प्यासी,
मैं अबला इक नारी हूँ ।
दर्शन बिन दोऊ नैना तरसें,
सुनलो बहुत दुखारी हूँ ।
हरि रूप में दर्शन दे दो,
डालो एक नजरिया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥

रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भीलनी की डगरिया ॥