मोहे मेरा बचपना - The Indic Lyrics Database

मोहे मेरा बचपना

गीतकार - डी एन मधोक, शकील | गायक - सुरैया, सहगान | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1948

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मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी

मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी
रंगूँ मैं इसे प्यार के रंग डार

सैयाँ जी ने भेजी चुनरी
रंगूँ मैं इसे प्यार के रंग डार

सुन-सुन री चुनरिया मलमल की -2
तोसे कहूँ मैं बलम जी की बात कल की -2
चोरी-चोरी छेड़ गये मन के वो तार -2

रंगूं में इसे प्यार के रंग डार
सैयाँ जी ने
मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी
रंगूँ मैं इसे प्यार के रंग डार

को : (अब आई अब आई बसन्त रुत आई
याद आये याद आये हाय वो हरजाई ) -2

ज़ो : कोयल बोले कू-कू में मोरे जिया की पुकार -2

रंगूं में इसे प्यार के रंग डार
सैयाँ जी ने
मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी
रंगूँ मैं इसे प्यार के रंग डार

दग़ा दे के चले न जाना औरों के संग -2
तेरा ऊँचा उड़े रे मोरे सैंया पतंग -2
मर जाउँगी देना ना मोहे बिरहा की मार -2

रंगूं में इसे प्यार के रंग डार
सैयाँ जी ने
मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी
रंगूँ मैं इसे प्यार के रंग डार

male : ( जिया बोले जिया बोले सजन घर जाना
ज़ो : मोरे नैना मोरे नैना कहे सजन आ ना ) -2
male : जिया लगे कहीं ना अब दो दिन हमार -2

ज़ो : रंगूँ में इसे प्यार के रंग डार
सैयाँ जी ने
मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी
रंगूँ मैं इसे प्यार के रंग डार