चोला चोला - The Indic Lyrics Database

चोला चोला

गीतकार - महबूब | गायक - विशाल मिश्रा, स्वागत रात्ोड़ | संगीत - ए.आर. रहमान | फ़िल्म - पीएस-1 (पोन्नियिन सेल्वन: I) | वर्ष - 2022

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थिर थिर थिर थिरके
गगन छुए सर सर सर सर से
परचम उड़े फर फर फर फर से
आए है वीर हर घर घर घर से

शहीदों का जश्न है जश्न है
नमन है नमन है
कभी उठे कभी गिरे जुंग में होके गुम,
रंग में जीत के रंगे हम तुम

तेरे आगे हर कोई झुका
कोई झुका चोला चोला
तेरे कदमों में रखूं ज़रा
रखूं ज़रा दुनिया दुनिया

हिम्मत गैरत
दोनो आँखें हैं शेरों की
आजा योद्धा
रहे ना निशानी दुश्मनो की

थिर थिर थिर थिरके
गगन छुए सर सर सर सर से
परचम उड़े फर फर फर फर से
आए है वीर हर घर घर घर से
शहीदों का जश्न है जश्न है
नमन है नमन है

कभी उठे कभी गिरे जुंग में होके गुम
ऱख्त में जीत के रंगे हम तुम

ज़रा ज़रा सा खुमार है
सवार है जीत के पर पे
कई कई ख्वाहिशें भी हैं
जुनून है अपने सर पे

हो माटी को सिचू लहू से
ये स्वर्ग बचाउँ सबु से
पर नशे में झूम के दीवाना
अरे तुझे पुकारे हसीना रे

माटी को सिचू लहू से
ये स्वर्ग बचाउँ सबु से
पर नशे में झूम के दीवाना
अरे तुझे पुकारे हसीना रे

सुंदरी
तेरी निगाहों के वार चले हैं
यहाँ वहाँ घाव लगे
भरे हैं सारे घाव तंन पे जुंग के
मिटे नही है जो तूने दिए मॅन पे
इसका भी है नशा

प्रेम रस पिए जा पिए जा
मगर डगमगाना मत रे
कभी छूटे ना तलवारें ये
नही शेर मत रुकना रे

खुमार है सवार है जीत के पर पे
कई कई ख्वाहिशें भी हैं
जुनून है अपने सर पे

इस धरती का देखा था सपना
दुश्मन को किया परा परा परा
हमने मौत को भी नचाया है हो

जिसका सर झुका माफ़ किया
जो खंजर ताना साफ उसे किया किया
मूड कर जो चला जाने दिया रे हो

चोलो का ये तरीका है
इस पर ही अब चलना है
धरती से लेके तो गगन तक
इसका ही बोलबाला है

थिर थिर थिर थिरके
गगन छुए सर सर सर सर से
परचम उड़े फर फर फर फर से
आए है वीर हर घर घर घर से
शहीदों का जश्न है जश्न है है
नमन है नमन है है

कभी उठे कभी गिरे जंग में होके गुम
ऱख्त में जीत के रंगे हम तुम