सोलह बरस की बाली उमर को सलाम - The Indic Lyrics Database

सोलह बरस की बाली उमर को सलाम

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता - अनुप जलोटा | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - एक दूजे के लिए | वर्ष - 1981

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कोशिश कर के देख ले, दरिया सारे, नदिया सारी
दिल की लगी नहीं बुझती, बुझती हर चिंगारी
सोलह बरस की बाली उम्र को सलाम
ऐ प्यार तेरी, पहली नज़र को सलाम
दुनिया में सब से पहले जिसने ये दिल दिया
दुनिया के सब से पहले दिलबर को सलाम
दिलसे निकलने वाले रस्ते का शुक्रिया
दिल तक पहुँचनी वाली डगर को सलाम
जिस में जवान होकर बदनाम हम हुए
उस शहर, उस गली, उस घर को सलाम
जिसने हमे मिलाया, जिसने जुदा किया
उस वक्त, उस घड़ी, उस गजर को सलाम
मिलते रहें यहाँ हम, ये है यहाँ लिखा
इस लिखावट की ज़ेर-ओ-ज़बर को सलाम
साहिल की रेत पर यूँ लहरा उठा ये दिल
सागर में उठनेवाली हर लहर को सलाम
इन मस्त गहरी-गहरी आँखों की झील में
जिसने हमें डूबोया उस भँवर को सलाम
घूंघट को तोड़ कर जो सर से सरक गई
ऐसी निगोड़ी धानी चुनर को सलाम
उल्फ़त के दुश्मनों ने कोशिश हज़ार की
फिर भी नहीं झुकी जो, उस नज़र को सलाम