जाने न नज़र पहचाने - The Indic Lyrics Database

जाने न नज़र पहचाने

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 1953

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जाने न नज़र पेहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
जाने न नज़र पेहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

आवाज़ यह किसकी आती है
जो छेद के दिल को जाती है
आवाज़ यह किसकी आती है
जो छेद के दिल को जाती है
मैं सुन के जिसे शर्मा जाऊ
है कौन जो मुझ में समाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
जाने न नज़र पेहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मुझे रोज़ रोज़ तडपाया
मुझे रोज़ रोज़ तडपाया

ढूढेंगे उससे हम तारो में
सावन की ठंडी बहारो में
 

ढूढेंगे उससे हम तारो में
सावन की ठंडी बहारो में
पर हम भी किसी से कम तोह नहीं
क्यों रूप को अपने छुपाया
मुझे रोज़ रोज़ तडपाया
मुझे रोज़ रोज़ तडपाया
जाने न नज़र पेहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

बिन देखे जिसको प्यार करो
गर देखु उस को जान भी दूं
बिन देखे जिसको प्यार करो
गर देखु उस को जान भी दूं
एक बार कहो ो जादूगर
यह कौन सा खेल रचाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
जाने न नज़र पेहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया.