या रहमत ए आलम - The Indic Lyrics Database

या रहमत ए आलम

गीतकार - मुक़्तिदा हसन निदा फ़ाज़ली | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - आदत से मजबूर | वर्ष - 1982

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अल्ल्ह मदत साहिबे क़ुरान रसूले अरबी
मेरी मुस्किल भी हो ासन रसूले अरबी
या रेहमत ए आलम मेरी मदद को ाओ
घेरा है तबाही ने तबाही से बचाओ

दुनिया फ़ाटक एक तुमहारा है सहारा
ये वक़्त मुसीबत है मेरा साथ निभाओ
रसुले प् रसुले प् रसुले प् रसुले प्

दुनिया में मेरे दिन की पहचान तुम्ही हो
हर दौर में इंसान का ईमान तुम्ही हो
कलमा है तुम्हरा इंसान जहा में
कुरान ही मेरा है निग़ाबाहा जहा में
देखा नहीं तुमसे कोई रेहमान जहा में
किस सैय पे तुम्हारा नहीं अहसान जहा में
मेरे भी गुलिसता को फिजाओ से बचाओ
या रेहमत ए आलम मेरी मदद को ाओ
रसुले प् रसुले प् रसुले प् रसुले प्

मजबूर दुआओ का सहारा नहीं टूटे
उम्मीद का दामन मेरे हाथों से न छूटे
ोरो के लिए जान की बाज़ी जो लगा दे
ऐसा न हो ये शमा कोई आ के भुझे दे
नेकी के फरिस्ते जो जहा में न रहेगे
अल्लाह की हर बात पे सैतान हंसेगे
ज़िंदा रहे वेफ दुनिया में हुकम सुनाओ
या रेहमत ए आलम मेरी मदद को ाओ
रसुले प् रसुले प् रसुले प् रसुले प्

तक़दीर को गरबि से बचाना ही पड़ेगा
हालात को सर अपना झुकना ही पड़ेगा
दरबारी नदी से कोई खाली नहीं लौटा
इस वक़्त मेरा साथ निभाना ही पड़ेगा
उजड़े हुए इस घर को बचाना ही पड़ेगा
उजड़े हुए इस घर को बचाना ही पड़ेगा.