ज़िंदगी - The Indic Lyrics Database

Zindagi

Lyricist - Bhargav Purohit | Singer - Papon | Music Director - Sachin Jigar | Movie - Bala | Year - 2019

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दिल की क्लास की घंटी जो बजी
आई यादें वो सारी दौड़ के
क़िस्से फिर मिले
हाँ रख लूँ मैं उन्हे
कुछ पन्ने किताबों के मोड़ के

फिर से वो गली
है तू ले चली
तो ठहरू मैं तोड़ा सा यहीं..

हूँ रुका हाँ हाँ ज़िंदगी
तू बढ़ा हाँ हाँ ज़िंदगी
हूँ ग़लत तो बता ज़िंदगी
दे दे सच का पता ज़िंदगी

हो.. प्यारे थे भरम भी
हम थोड़े बेशरम भी
ना कोई थी शरारत आख़री

बचपने में जो सताए
थे सामने पर भुलाए
उन यारों से जेबें फिर भरी
होके रूबरू, अब आखों में भरूँ
वो लम्हे जो जिए थे कभी

अब भले तू सता ज़िंदगी
माफ़ तेरी ख़ता ज़िंदगी
ले मैं फिर से चला ज़िंदगी
क्यूँ रुका था भला ज़िंदगी