ये खनकती चुड़ियां हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्नवालो - The Indic Lyrics Database

ये खनकती चुड़ियां हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्नवालो

गीतकार - अरुण भैरवी | गायक - राम शंकर | संगीत - राम शंकर | फ़िल्म - तुम याद ना आया करो (गैर फिल्म) | वर्ष - 2002

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आ ये खनकती चूड़ियाँ ये छनकती पायल
कितनों के होश ग़ुम किये कितने किये घायल
ये मुस्कुराता चेहरा चेहरे पे काला तिल
ये तिल ही तो है जानां हम आशिक़ों का कातिल
काली काली अँखियों से डोरे न डालो
हमें ज़िंद रहने दो ऐ हुस्नवालों
काली काली अँखियों से ...यूँ बार बार सामने आया न कीजिये
इस दिल की धड़कनों को बढ़ाया न कीजिये
शीशे सा नाज़ुक ये दिल है हमारा
सनम टूट जायेगा यूँ न उछालो
काली काली अँखियों से ...माना के तुमपे टूट के आई है जवानी
तुमपे तो मेहरबान हुई रूप की रानी
ये दिलकश अदाएँ ये चेहरा नूरानी
जिसको भी डसा तुमने वो मांगे ना पानी
आशिक़ है पतंग और तुम डोर हो
दिल को चुराने वाले तुम चितचोर हो
अरे तपती जवानी की गर्मी से जानां
ठंडी मोहब्बत को यूँ न उबालो
काली काली अँखियों से ...जो भी तुम्हारे प्यार के ख्वाबों में खो गया
इन रेशमी ज़ुल्फ़ों के साए में सो गया
वो मजनू हो गया वो दीवाना हो गया
दुनिया के बाकी सारे कामों से वो गया
लट्टू की तरह चक्कर खाएगा
मरके भी वो चैन न पाएगा
हमको लगा दे कहीं न ठिकाने
इन ज़ालिमों से ओ रब्बा बचा लो
काली काली अँखियों से ...दिल में ज़हर भरा है चेहरे पे भोलापन
तुमने ही तो चलाया बेवफ़ाई का चलन
पीछे से कहो पागल और सामने सजन
है कहीं पे निशाना और कहीं पे नयन
तेरी फ़ितरत हम भी जानें
फिर भी आए धोखा खाने
हमसे छुपी है न कोई हकीकत
झूठी शराफ़त का पर्दा हटा लो
काली काली अँखियों से ...