कटती है अब तो ज़िंदगी मरने की इंतज़ार में - The Indic Lyrics Database

कटती है अब तो ज़िंदगी मरने की इंतज़ार में

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - नाज़ | वर्ष - 1954

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कटती है अब तो ज़िंदगी मरने की इंतज़ार में
अब न ख़िज़ा में कोई ग़म, अब न खुशी बहार में
कटती है अब तो ज़िंदगी
क्या क्या फ़रेब खाये हैं क्या क्या सितम उठाये हैं
हम तो कहीं के न रहे हाय्! किसी के प्यार में
कटती है अब तो ज़िंदगी
देखी थी हमने भी बहार, हम भी हँसे थे एक बार
कितना क़रार था कभी इस दिल-ए-बेक़रार में
कटती है अब तो ज़िंदगी