कोई रोके उसे और ये कह दे - The Indic Lyrics Database

कोई रोके उसे और ये कह दे

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - NA | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - सिंदूर | वर्ष - 1947

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ख़ुशियों का ज़माना बीत गया

ख़ुशियों का ज़माना बीत गया

मजबूर मुहब्बत रोती है रोती है

नाशाद है तू नाशाद हूँ मैं

क़िस्मत दोनों की सोती है सोती है

ख़ुशियों का ज़माना बीत गया

बरबाद उधर तेरा दिल है

रोती हैं इधर मेरी आँखें मेरी आँखें

वो कौन सी दुनिया है जिसमें

आबाद मोहब्बत होती है होती है

ख़ुशियों का ज़माना बीत गया

मजबूर मुहब्बत रोती है रोती है

ख़ुशियों का ज़माना बीत गया

तू ग़म की कहानी कहता जा

जो दर्द मिला है सहता जा सहता जा

ओ दर्द के मारे देखे जा

तक़दीर कहाँ तक सोती है सोती है

ख़ुशियों का ज़माना बीत गया

मजबूर मुहब्बत रोती है रोती है