मेरे मन बाजा मिरदंग - The Indic Lyrics Database

मेरे मन बाजा मिरदंग

गीतकार - वसंत देवी | गायक - कोरस, अनुराधा पौडवाल, सुरेश वाडकर, आरती मुखर्जी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - उत्सव | वर्ष - 1980

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( मेरे मन बाजा मिरदंग
मजीरा खनके रे अंग-अंग
अजब मद छाया रे
मदन रंग लाया रे )-६

अहा
अहा अहा

सु: गोरी ओ गोरी आई कर के तू चोरी
को: गोरी ओ गोरी आई कर के तू चोरी
सु: बोल आँचल तले क्या छुपाई री
अ: कछी उमरिया है ओछी चुनरिया है
को: कछी उमरिया है ओछी चुनरिया है
अ: मैं कैसे तो जोबन छुपाऊँ री
सु: गोरी ओ गोरी हम तो पकड़ेंगे चोरी
दे-दे सीधे से तूने जो छुपाया री

को: ओ मदन रंग लाया रे
( मेरे मन बाजा मिरदंग
मजीरा खनके रे अंग-अंग
अजब मद छाया रे
मदन रंग लाया रे )-२

हे हे-४
सु: तेरे उलझे-उलझे बाल नैन हैं लाल लगे तूने गहरी छानी है
झुक झूम रही नहीं भूल रही तेरी चाल गजब बौरानी है
तेरा अधर रंग भरता उमंग मेरे मन में ऐसा समाया रे
मिलें अंग-अंग जैसे जल में रंग हम हों अनंग मन भाया रे
को: ओ मदन रंग लाया रे
( मेरे मन बाजा मिरदंग
मजीरा खनके रे अंग-अंग
अजब मद छाया रे
मदन रंग लाया रे )-२

अ: सोने की पिचकारी ऐसे चला दो
धरती से अम्बर तक झूला डला दो
ऊँची उठानों का सुख तो दिला दो
सह लूँगी सय्याँ की सिजरिया पिया
इसे जोबन का रस तो चढ़ा दो पिया
ओ मदन रंग लाया रे

को: ओ मदन रंग लाया रे-१०