करम की भीख माँगी - The Indic Lyrics Database

करम की भीख माँगी

गीतकार - साहिर | गायक - रफी | संगीत - एन दत्ता | फ़िल्म - मरीन ड्राइव | वर्ष - 1955

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करम की भीख माँगी हमने तुमसे और सितम पाया
ख़ुशी लेने को आए दर पे और ग़म पाया
बता ऐ आसमाँ वाले तेरे बंदे किधर जाएँ
वही बेदर्द दुनिया है जहाँ जाएँ जिधर जाएँ
बता ऐ आसमाँ वाले
जफ़ाओं पर जफ़ा बेदाद होती है
हमारी उम्र ही क्या मौत भी बरबाद होती है
हमें इतना तो बतला दे जिएँ हम या के मर जाएँ
बता ऐ आसमाँ वाले
जिगर छलनी है और दिल ग़म के तीरों का निशाना है
हमारी ज़िन्दगी इक दर्द का फ़साना है
न जीने का ठिकाना है न मरने का ठिकाना है
जो तेरे दर से ठुकराए गए वो किसके दर जाएँ
बता ऐ आसमाँ वाले
अरे ओ मुस्करा कर मेरी हालत देखने वालों
कोई तो रहम फ़रमाओ मुसीबत देखने वालों
कहीं ऐसा न हो हम ठोकरें खा के मर जाएँ
बता ऐ आसमाँ वाले