होठों में ऐसी बात मैं दबा के चली आई - The Indic Lyrics Database

होठों में ऐसी बात मैं दबा के चली आई

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर - भूपेंद्र | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - जेवल थीफ | वर्ष - 1967

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होठों में ऐसी बात मैं दबा के चली आई
खुल जाए वोही बात तो दुहाई है दुहाई
हाँ रे हाँ, बात जिसमें, प्यार तो है, ज़हर भी है, हाए
होंठों में ऐसी बात...
हो शालू...
रात काली नागन सी हुई है जवां
हाए दय्या किसको ड़सेगा ये समा
जो देखूँ पीछे मुड़ के
तो पग में पायल तड़पे
आगे चलूँ तो धड़कती है सारी अंगनाई
ऐसे मेरा ज्वाला सा तन लहराए
लट कहीं जाए, घूँघट कहीं जाए
अरे अब झुमका टूटे
के मेरी बिंदिया छूटे
अब तो बनके कयामत लेती हूँ अंगड़ाई