गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - आशा भोसले | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - नैना | वर्ष - 1973
View in Romanहोने लगी है रात जवां, जागते रहो
शम्मों से उठ रहा है धुआँ जागते रहो
झपकी पलक तो दिल का जहां लूट लेंगे लोग
होना है एक गुनाह यहाँ, जागते रहो
मुड़ मुड़ के आज देख रहा है कोई इधर
जब तक है ये हसीन समा, जागते रहो
अब कोई राज राज रहेगा ना सुबह तक
हर ज़ख़्म बन रहा है जबां, जागते रहो