होली के दिन दिल खिल जाते हैं - The Indic Lyrics Database

होली के दिन दिल खिल जाते हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - शोले | वर्ष - 1975

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चलो सहेली, चलो रे साथी
ऐ पकड़ो-पकड़ो रे इसे न छोड़ो
अरे बैंया न तोड़ो
ज़रा ठहर जा भाभी, अरे जा रे सराबी
क्या ओ राजा, गली में आजा
होली - होली, भांग की गोली
ओ नखरे वाली, दूँगी मैं गाली
ओ रामू की साली, होली रे होली
होली के दिन दिल खिल जाते हैं
रंगों में रंग मिल जाते हैं
गिले शिक़वे भूल के दोस्तों
दुश्मन भी गले मिल जाते हैं
गोरी तेरे रंग जैसा, थोड़ा सा मैं रंग बना लूँ
आ तेरे गुलाबी गालों से, थोड़ा सा गुलाल चुरा लूँ
जा रे जा दीवाने तू, होली के बहाने तू, छेड़ ना मुझे बेसरम
पूछ ले ज़माने से, ऐसे ही बहाने से, लिए और दिए दिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में …
यही तेरी मर्जी है तो, अच्छा चल ले तू ख़ुश हो ले
पास आ के छूना ना मुझे, चाहे मुझे दूर से भिगो ले
हीरे की कनी है तू, मट्टी से बनी है तू, छूने से टूट जाएगी
काँटों के छूने से, फूलों से नाज़ुक - नाज़ुक बदन छिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में …