खली घर की जा जा जा मुजे ना अब याद आ - The Indic Lyrics Database

खली घर की जा जा जा मुजे ना अब याद आ

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - समाज को बदल डालो | वर्ष - 1970

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खाली घर की दीवारों पे शीशे की तस्वीरें हैं
मैं ये तोड़ के रख दूंगा ये यादों की जंजीरें हैं

जा जा जा मुझे न अब याद आ
जा जा जा मुझे न अब याद आ
मुझे भूल जाने दे जाने दे
जा जा जा मुझे न अब याद आ

मेरे लबों पे ये कहानी क्यों रहे
मेरे लबों पे ये कहानी क्यों रहे
तू न रही तेरी निशानी क्यों रहे
ये जवानी क्यों रहे ज़िंदगानी क्यों रहे
जा जा जा मुझे न अब याद आ
मुझे भूल जाने दे जाने दे
जा जा जा मुझे न अब याद आ

उजड़ा महल ये वीरानों की तरह
उजड़ा महल ये वीरानों की तरह
इसमें फिरूं मैं दीवानों की तरह
अनजानों की तरह बेगानों की तरह
जा जा जा मुझे न अब याद आ
मुझे भूल जाने दे जाने दे
जा जा जा मुझे न अब याद आ