सिने में जालन आंखों में तुउफ़ान सा क्यों हैं - The Indic Lyrics Database

सिने में जालन आंखों में तुउफ़ान सा क्यों हैं

गीतकार - शहरयारी | गायक - सुरेश वाडेकर | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - गमन | वर्ष - 1978

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सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यों है
इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यों हैदिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे
पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यों हैतनहाई की ये कौन सी मंज़िल है रफ़ीक़ो
ता-हद्द-ए-नज़र एक बयाबान सा क्यों हैक्या कोई नई बात नज़र आती है हम में
आईना हमें देख के हैरान सा क्यों है