छतरी ना खोल बरसात में - The Indic Lyrics Database

छतरी ना खोल बरसात में

गीतकार - समीर | गायक - पूर्णिमा आंड कुमार सानू | संगीत - आनंद-मिलिंद | फ़िल्म - गोपी किशन | वर्ष - 1994

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ला ला ला ला ला.. 
आ हा अहा हा.. 

छतरी ना खोल बरसात में 
छतरी ना खोल बरसात में 
भीग जाने दे 
भीग जाने दे भीगी रात में 
भीग जाने दे भीगी रात में 

ए छतरी ना खोल बरसात में 
छतरी ना खोल बरसात में 
भीग जाने दे 
भीग जाने दे भीगी रात में 
भीग जाने दे भीगी रात में 
मजा आएगा 
मजा आएगा मुलाक़ात में 
भीग जाने दे 
भीग जाने दे भीगी रात में 
भीग जाने दे भीगी रात में 

पानी की बूंदें तन को जलाये 
मन में मेरे बड़ी प्यास है 
हालत बुरी है बुद्धू अनाड़ी 
तुझको नहीं अहसास है 
पानी की बूंदें तन को जलाये 
मन में मेरे बड़ी प्यास है 
हालत बुरी है बुद्धू अनाड़ी  
तुझको नहीं अहसास है 

सर्दी लगे, कांपे बदन 
जल्दी बता कोई जतन 
यूँ ना फंसा मुझको बात में 

छतरी ना खोल बरसात में 
छतरी ना खोल बरसात में 
भीग जाने दे 
भीग जाने दे भीगी रात में 
भीग जाने दे भीगी रात में 

आ हा.. हम्म… 

आके लिपट जा सीने से मेरे 
काहे को इतनी दूर है 
दुरी सही ना जाए बेदर्दी 
बेचैन दिल मजबूर है 

हे आके लिपट जा सीने से मेरे 
काहे को इतनी दूर है 
दुरी सही ना जाए बेदर्दी 
बेचैन दिल मजबूर है 

है वास्ता भगवन का 
मैं भक्त हूँ हनुमान का 
आऊंगा ना तेरे हाथ में

छतरी ना खोल बरसात में 
छतरी तो खोल बरसात में 
ना भीगा मुझको, ना भीगा मुझको 

भीगी रात में
ना भीगा मुझको, भीगी रात में

मजा आएगा हाँ 
मजा आएगा मुलाक़ात में 
भीग जाने दे 
भीग जाने दे भीगी रात में 
भीग जाने दे भीगी रात में