एक बुत से मोहब्बत कर के मैंने यही जाना है - The Indic Lyrics Database

एक बुत से मोहब्बत कर के मैंने यही जाना है

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - येसुदास | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - मान अभिमान | वर्ष - 1980

View in Roman

एक बुत से मोहब्बत कर के मैंने यही जाना है
समझाए से जो ना समझे दिल ऐसा दीवाना है
खूबसूरत है बला का और बला से कम नहीं
उसका ग़म जी को लगे तो जग का कोई ग़म नहीं
चले पाँव दिलों पे रख के उसका ही ज़माना है
फूल चंपे का हसीं बेहद मगर खुशबू नहीं
है मेरे मेहबूब में सब कुछ वफ़ा की बू नहीं
कुछ भी हो मुझे घर अपना उस गुल से सजाना है