छा गए बादल नील गगन पर - The Indic Lyrics Database

छा गए बादल नील गगन पर

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा - रफी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - चित्रलेखा | वर्ष - 1964

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छा गए बादल नील गगन पर
घुल गया कजरा साँझ ढले
देख के मेरा मन बेचैन
रैन से पहले हो गई रैन
आज हृदय के स्वप्न फले
घुल गया कजरा साँझ ढले
रूप की संगत और एकांत
आज भटकता मन है शांत
कह दो समय से थम के चले
घुल गया कजरा साँझ ढले
अंधियारों की चादर तान
एक होंगे दो व्याकुल प्राण
आज ना कोई दीप जले
घुल गया कजरा साँझ ढले