दिल उन्को धुन्दता है - The Indic Lyrics Database

दिल उन्को धुन्दता है

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - यास्मीन | वर्ष - 1955

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दिल उन्को धुन्दता है
हम दिल को धुन्दतें हैं-/2
भटके हुये मुसाफ़िर
मंज़िल को धुन्दतें हैं-/2

(हुम हैं तेरी लगन है
अये शमा तू कहान है)-/2
पर्वाना बन के तेरी
महफ़िल को धुन्दतें हैं-/2
भटके हुये मुसाफ़िर /थ्रीदोत्स

(दूनिया से है निराला
दस्तुर अशिक़ों का आ आऽऽ) /-2
जीने की अरज़ू में
कातील को धुन्दतें हैं
भटके हुये मुसाफ़िर /थ्रीदोत्स

(सीने में हसरतों का
जागा हूअ हैइ तूफ़ान)-/2
हुम मौज बनके अपने
साहील को धुन्दतें हैं
भटके हुये मुसाफ़िर /थ्रीदोत्स
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