रुक रुक रुक कहां चली दीवानी - The Indic Lyrics Database

रुक रुक रुक कहां चली दीवानी

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - दो उस्ताद | वर्ष - 1959

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र : रुक-रुक-रुक कहाँ चली दीवानी
कोई रोके
आ : o. k.
वादा कर अब ना करेगा हमसे
तू धोखे
र : o. k.रुक-रुक-रुक कहाँ चली दीवानी
कोई रोके
आ : o. k.आ : ( बाहर से तू करे रइसी
अन्दर से तेरी चार सौ बीसी ) -२
हम तो नहीं हैं ऐसे-वैसे
आना जी मुँह धो के
र : o. k.
आ : वादा कर अब ना करेगा हमसे
तू धोखे
र : o. k.र : ( तेरा नखरा बाँका-बाँका
टूट गया मेरे दिल का टाँका ) -२
अपनी अदा से कहो ज़रा
इस atom bombको रोके
आ : o. k.
र : रुक-रुक-रुक कहाँ चली दीवानी
कोई रोके
आ : o. k.र : तू मस्तानी मैं आज़ाद
ख़ूब मिले हैं दो उस्ताद
तुम जो कहो तो दो दिन जी लूँ
तुम पे आशिक़ हो के
आ : o. k.र : रुक-रुक-रुक कहाँ चली दीवानी
कोई रोके
आ : o. k.
वादा कर अब ना करेगा हमसे
तू धोखे
र : o. k.