दिल पर सौ-सौ बार चलाये नैनों वाले तीर हो - The Indic Lyrics Database

दिल पर सौ-सौ बार चलाये नैनों वाले तीर हो

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - मुनव्वर सुल्ताना, अन्य आवाज | संगीत - गुलाम हैदरी | फ़िल्म - आबशार/झरना | वर्ष - 1953

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दिल पर सौ-सौ बार चलाये नैनों वाले तीर हो
इस छोरी की धूम मची है काबुल और कश्मीर हो
काबुल और कश्मीर हो

को: दिल पर सौ-सौ बार चलाये नैनों वाले तीर हो
इस छोरी की धूम मची है काबुल और कश्मीर हो
काबुल और कश्मीर हो
होय

मु: सखी हमारी नई नवेली जैसे बाग़ में खिली चमेली
को: हो हो
सखी हमारी नई नवेली जैसे बाग़ में खिली चमेली
मु: देखे जिसको भर के नज़र वो
देखे जिसको भर के नज़र वो हो जाये दिलगीर वो
को: इस छोरी की धूम मची है काबुल और कश्मीर हो
काबुल और कश्मीर हो
होय

मु: सब दुनिया इस पर ललचाये पर ये किसी के हाथ न आये
को: हो हो
सब दुनिया इस पर ललचाये पर ये किसी के हाथ न आये
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