ये समा, समा है ये प्यार का - The Indic Lyrics Database

ये समा, समा है ये प्यार का

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हृदयनाथ मंगेशकर | फ़िल्म - माया मेमसाब | वर्ष - 1993

View in Roman

ये समा, समा है ये प्यार का
किसी के इंतज़ार का
दिल ना चुरा ले कही मेरा, मौसम बहार का
बसने लगे आँखों में कुछ ऐसे सपने
कोई बुलाये जैसे, नैनों से अपने
ये समा, समा है दीदार का, किसी के इंतज़ार का
मिलके खयालों में ही, अपने बलम से
नींद गवाँली अपनी, मैंने कसम से
ये समा, समा है खुमार का, किसी के इंतज़ार का
मैं तो हूँ सपनों के राजा की रानी
सच हो न जाए ये झूठी कहानी
ये समा, समा है इकरार का, किसी के इंतज़ार का