दिल मिला दद.र को महमान बनाने के लिये - The Indic Lyrics Database

दिल मिला दद.र को महमान बनाने के लिये

गीतकार - सरशर सैलानी | गायक - तलत | संगीत - अल्ला रक्खा | फ़िल्म - बेवफा | वर्ष - 1952

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दिल मिला दद.र को महमान बनाने के लिये
आँख बख़्शी है कहीं आँख लड़ाने के लिये

काम हाथों का है मिलने की दुआएं करना
सर मिला इश्क़ के कदमों पे झुकाने के लिये

हुस्न की आँख में आँसू नहीं देखे जाते
इश्क़ तैय्यार है हर नाज़ उठाने के लिये

हाय आते ही ये जाने का तक़ाज़ा कैसा
देर लगती है लगी दिल की बुझाने के लिये$