ये रातें, ये मौसम नदी का किनारा - The Indic Lyrics Database

ये रातें, ये मौसम नदी का किनारा

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा - किशोर | संगीत - रवी | फ़िल्म - सितारा | वर्ष - 1980

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ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
कहा दो दिलों ने, कि मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा
ये क्या बात है आज की चाँदनी में
कि हम खो गए प्यार की रागनी में
ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा ज़िन्दगी का मज़ा
सितारों की महफ़िल नें करके इशारा
कहा अब तो सारा जहां है तुम्हारा
मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो
करे कोई दिल आरज़ू और क्या
क़सम है तुम्हें, तुम अगर मुझसे रूठे
रहे सांस जब तक ये बंधन ना टूटे
तुम्हें दिल दिया है, ये वादा किया है
सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा