सखी कैसे धारुं मैं धिइरो - The Indic Lyrics Database

सखी कैसे धारुं मैं धिइरो

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - संगीत सम्राट तानसेन | वर्ष - 1962

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सखी कैसे धरूँ मैं धीर
हाय रे मेरे अब लो शाम न आये
रि बहे नैनों से निस दिन नीर
हाय रे मेरे अब लो शाम न आये
रि सखी कैसे धरूँ मैं धीरघिर घिर शाम घटा लहराये
बेदर्दी की याद दिलाये
उन बिन मुरली कौन सुनाये
रि थारी रोऊँ मैं जमुना के तीर
हाय रे मेरे अब लो शाम न आये
रि सखी कैसे धरूँ मैं धीरजी न करे, जोगन बन जाऊँ
जैसे बने उन्हें ढूँढ के लाऊँ
वो न मिले तो बिरज में न आऊँ
कहीं रस्ते में तज दूँ शरीर
हाय रे मेरे अब लो शाम न आये
रि बहे नैनों से निस दिन नीर
हाय रे मेरे अब लो शाम न आये
रि सखी कैसे धरूँ मैं धीर