एक हसरत थी की आंचल का मुजे प्यार मिले - The Indic Lyrics Database

एक हसरत थी की आंचल का मुजे प्यार मिले

गीतकार - राम अवतार त्यागी | गायक - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - जिंदगी और तूफान | वर्ष - 1975

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एक हसरत थी कि आँचल का मुझे प्यार मिले
मैने मंज़िल को तलाशा मुझे बाज़ार मिले
( ज़िन्दगी और बता ) -२ तेरा इरादा क्या है
एक हसरत थी ...मुझको पैदा किया संसार में दो लाशों ने
और बरबाद किया क़ौम के अय्याशों ने
तेरे दामन में बता मौत से ज़्यादा क्या है
ज़िन्दगी और बता ...जो भी तस्वीर बनाता हूँ बिगड़ जाती है
देखते-देखते दुनिया ही उजड़ जाती है
मेरी कश्ती तेरा तूफ़ान से वादा क्या है
ज़िन्दगी और बता ...तूने जो दर्द दिया उसकी क़सम खाता हूँ
इतना ज़्यादा है कि एहसाँ से दबा जाता हूँ
मेरी तक़दीर बता और तक़ाज़ा क्या है
ज़िन्दगी और बता ...मैने जज़्बात के संग खेलते दौलत देखी
अपनी आँखों से मोहब्बत की तिजारत देखी
ऐसी दुनिया में मेरे वास्ते रखा क्या है
ज़िन्दगी और बता ...आदमी चाहे तो तक़दीर बदल सकता है
पूरी दुनिया की वो तस्वीर बदल सकता है
( आदमी सोच तो ले ) -२ उसका इरादा क्या है -२
ज़िन्दगी और बता ...