झूम के गा युं आज मेरे दिलो - The Indic Lyrics Database

झूम के गा युं आज मेरे दिलो

गीतकार - नीरज | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - पतंग | वर्ष - 1971

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( झूम के गा यूँ आज मेरे दिल
रात तो गुज़रे सुबह न आये ) -२
जैसे कोई बचपन की कहानी
याद भी हो और भूल भी जायेझूम के गा यूँ आज मेरे दिल
रात तो गुज़रे सुबह न आये
जैसे कोई बचपन की कहानी
याद भी हो और भूल भी जाये
झूम के गा यूँ आज मेरे दिल( पर्दा उठा दे हुस्न की ज़िद है
पर्दा गिरा दे इश्क़ की ज़िद है ) -२
दिल है हमारा ऐसा दिया जो
जल भी न पाये बुझ भी न पायेझूम के गा यूँ आज मेरे दिल
रात तो गुज़रे सुबह न आये
जैसे कोई बचपन की कहानी
याद भी हो और भूल भी जाये
झूम के गा यूँ आज मेरे दिल( हस्ती मिटा दे ख़ुद को भुला दे
अपना सफ़ीना आप डुबा दे ) -२
ढूँढ किनारा वो के जहाँ पर
चैन तो आये होश न आयेझूम के गा यूँ आज मेरे दिल
रात तो गुज़रे सुबह न आये
जैसे कोई बचपन की कहानी
याद भी हो और भूल भी जाये
झूम के गा यूँ आज मेरे दिल( होंठ पे नग़्मा आँख में पानी
एक हक़ीक़त एक कहानी ) -२
ख़ुशी का दामन ग़म का क़फ़न है
दोनों बराबर नींद जो आये( झूम के गा यूँ आज मेरे दिल
रात तो गुज़रे सुबह न आये
जैसे कोई बचपन की कहानी
याद भी हो और भूल भी जाये ) -२
झूम के गा यूँ आज मेरे दिल