गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मानना दे | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - तीसरी कसम | वर्ष - 1966
View in Romanचलत मुसाफिर मोह लिया रे पिंजड़े वाली मुनिया
चलत मुसाफिर मोह लिया रे पिंजड़े वाली मुनिया
चलत मुसाफिर मोह लिया रे पिंजड़े वाली मुनिया
चलत मुसाफिर मोह लिया रे पिंजड़े वाली मुनिया
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
हे रामा
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
अरे उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
बर्फी के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
बर्फी के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
बर्फी के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
हे हे हे हे …. हे रामा
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
आहा
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
अरे कपड़ा के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
कपड़ा के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
कपड़ा के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
जियो जियो पालकदास जियो …
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
हे रामा
उड़ उड़ बैठी हलवैया दोकनिया
अरे बीड़ा के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
बीड़ा के सब रस ले लिया रे
पिंजड़े वाली मुनिया
हाँ चलत मुसाफिर मोह लिया रे पिजरे वाली मुनिया
चलत मुसाफिर मोह लिया रे पिजरे वाली मुनिया
चलत मुसाफिर मोह लिया रे पिजरे वाली मुनिया..