चरनदास को पीने की जो आदत न होती - The Indic Lyrics Database

चरनदास को पीने की जो आदत न होती

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - किशोर | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - पहली झलक | वर्ष - 1954

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चरनदास को पीने की जो आदत न होती
तो आज मियाँ बाहर बीवी अन्दर न सोती

बोतल से प्यार किया बुरा मेरे यार किया
घर-घर में झगड़ा दिन-रात का ये रगड़ा
बोतल के चस्के ने हाय मुझे मार दिया
बोतल से यारों जो उल्फ़त न होती
तो आज मियाँ बाहर ...

मुँह से लगे फिर ज़ालिम न छूटे
शाम पड़े ही बदन सारा टूटे
नज़रों में घूमें दुकान शराब की
नाक में आए ख़ुश्बू कबाब की
इस पर मज़ा कि खाली हो पाकिट
नज़रों में घूमें फिर बीवी का लाकिट
मिट्टी के भाव जा के बेच आए मोती
तो आज मियाँ बाहर ...

जेवर से कपड़ा कपड़े से बर्तन
बोतल के पानी में डूब गया सारा धन
दिया ना साल भर किराया मकान का
चढ़ गया सिर पर कर्जा पठान का
देखो जी हौले-हौले अपना ये हाल हुआ
बेटा अमीर का ठन-ठन-गोपाल हुआ
बिक गए सूट-बूट रह गई घोती
तो आज मियाँ बाहर ...$