झूठ बोल ना सच बात बोल दे - The Indic Lyrics Database

झूठ बोल ना सच बात बोल दे

गीतकार - समीर | गायक - एस पी बालासुब्रमण्यम | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - सात रंग के सपने | वर्ष - 1998

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झूठ बोल ना सच बात बोल दे आज ना छुपा हर भेद खोल दे
क्या मिला तुझे एक झूठ बोले के सोच के ज़रा मुझे बताबागबां ने दोस्ती का क्या सिला दिया
फूल खिल रहा खाक में मिला दिया
इंतज़ार नहीं अब किसी बहार का
आशियां उजड़ गया किसी के प्यार का
रुसवा हुए हम बेवजह की तूने कैसी खता ये बता
झूठ बोल ना ...रो रहा है आसमां ज़मीं उदास है
ज़ुंदगी में एक अनबुझी सी प्यास है
दर्द के भंवर में डूबने लगा है मन
दूर दूर तक नहीं उम्मीद की किरन
सपनों की वो मंज़िल मिले ऐसा कोई रास्ता मुझे बता
झूठ बोल ना ...जी रहा हूँ सिर्फ़ इम्तहान के लिए
जान भी मैं दूंगा अपनी जान के लिए
आ गई है तेरे फ़ैसले की अब घड़ी
जोड़ दे या तोड़ दे दिलों की अब कड़ी
साथी बिन मर जाऊंगा क्या ये तुझे है पता मुझे बता
झूठ बोल ना ...