अपान देश विदेश के आगे हाथ ना फैलाए - The Indic Lyrics Database

अपान देश विदेश के आगे हाथ ना फैलाए

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - अनोखा: | वर्ष - 1975

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अपना देश विदेश के आगे हाथ न फैलाए
आज जहाँ है रेत कल वहाँ खेत मुस्कराए
ऐसा कि गाँव-गाँव में गंगा लहराए
अपना देश विदेश ...मेहनत का ही नाम है वो जिसको क़िस्मत कहते हैं
दो हाथों का खेल है वो जिसको दौलत कहते हैं
हम जहाँ पसीना बहाएँगे मोती वहाँ उगाएँगे
नदियाँ बाँध नहर निकालें ख़ुशहाली छाए
अपना देश विदेश ...देश की हर चीज़ है अपनी क्यों अपने हाथों से तोड़ें
इसको बचाना फ़र्ज़ है अपना क्यों सरकार पर छोड़ें
अपना भारत सारा हमें प्रांत-प्रांत है प्यारा
आपस के ही इन दंगों में देश न जल जाए
अपना देश विदेश ...