देखो जो पलट के जिया मेरा भटके - The Indic Lyrics Database

देखो जो पलट के जिया मेरा भटके

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - ज़मीर | वर्ष - 1997

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देखो जो पलट के जिया मेरा भटके
ज़रा बच बच के मारे जो तू झटके
गोरिया तू कमर जब लचकाए कयामत आ जएगोरी गोरी बाहें गोरे गोरे होंठ मेरे तो हैं फूल से
छूने तो दे आज इन्हें मुझे भूल से
दूंगी मैं एक रोज तुझको मुफ़्त का गहना
अब नहीं मुमकिन है जानां दूर यूं रहना
बाबू ज़रा हट के जिया मेरा भटके
ज़रा बच बच के ...कोई नहीं नींद आई नहीं रात में
खो रहा मैं भी जान-ए-जानां तेरी बात में
होश में कैसे रहें हम ऐसे आलम में
कली जब चटके जिया मेरा भटके
ज़रा बच बच के ...