ऑफ़ ओ जलाता है बुझाता है जलता हैं - The Indic Lyrics Database

ऑफ़ ओ जलाता है बुझाता है जलता हैं

गीतकार - महबूब | गायक - सोनू निगम, आशा भोंसले | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - लकीर - निषिद्ध रेखाएं | वर्ष - 2004

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आ : ओफ़ ओ जलता है बुजहता है जलता है
अ अ कैसे
ओफ़ ओ मिटता है लुटता है मिटता है
अ अ हम पे
फिर भी मुशक़िल मुशक़िल ये दिल पाना
सुन लेसो : हे
सहराओं से भी गुज़रूँ
दरियाओं से भी उभरूँ

हे
सहराओं से भी गुज़रूँ
दरियाओं से भी उभरूँ
तेरे लिये मैं गहरी वादी भी चूम लूँआ : सहरा में गुल ना खिलेगा
दरिया में दिया ना जलेगा
दीवाने वादियों में दिल ना मिलेगासो : ओफ़ ओ जल गयाआ : एक परछाईं जैसी हूँ मैं
सूरज ढलते ही छुप जाऊँ तो
अँधेरा छा जायेगा आ आ आ
सो : शोला जुनूं का आँखों में
रोशन दिल रातों में
फिर अँधेरा भी क्या कर पायेगा
आ : ज़िद करना है रीत तेरी
नाज़ुक प्रीत मेरी
रोक भी ले ख़ुद को
जीने भी दे मुझ को
सो : बस जा मेरी साँसों में
जी ले आ मेरी बाँहों में
हाय जल गया जल गया जल गया जल गयाआ : ओफ़ ओ जलता है बुजहता है जलता है
अ अ कैसेसो : ओफ़ ओ जल गया मिट गया लुट गया
ओफ़ ओ तुम पेआ : सहरा में गुल ना खिलेगा
दरिया में दिया ना जलेगा
दीवाने वादियों में दिल ना मिलेगासो : साँसों से ख़ुशबू उठने लगी
बाँहों में जब तू सजने लगी
तो देखे जहाँ
फिर ज़मीं आसमाँ क्या
आ : शरम से आँखें झुकने लगीं
मुझ से कुछ ये कहने लगीं
के ये क्या हो गया
कैसे बदला इरादा आ आ
सो : आख़िर दिल मजबूर हुआ
मेरे इश्क़ में चूर हुआ
मुझपे असर था तेरा
तुझपे है साया अब मेरा
आ : दूर अगर मैं जाऊँ तो
फिर बन जाये तू सूरज वो
जो जलता है बुझता है जलता है बुझता है
ओफ़ ओआ : ओफ़ ओ जलता है
सो : ओफ़ ओ जल गया जल गया
आ : ओफ़ ओ
ओफ़ ओ
सो : ओफ़ ओ जल गया
आ : जलता है
सो : मिट गया मिट गया मिट गया मिट गया
मिट गया मिट गया मिट गया
ओफ़ ओ जल गया