अब तो जी होने लगा किसी - The Indic Lyrics Database

अब तो जी होने लगा किसी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - शमशाद बेगम | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - मिस्टर एंड मिसेज 55 | वर्ष - 1950

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( अब तो जी होने लगा किसी की सूरत का सामना
गोरी-गोरी गोरियों को पड़े न कहीं रे दिल थामना )-२

( ठण्दी-ठण्डी ठन्ड में देखो पवन चले
धीरे-धीरे-धीरे काहे मन में जले )-२
आजा काहे दूर जाये
देखो तेरे पास आये
गोरी तेरे साजना

अब तो जी होने लगा किसी की सूरत का सामना
गोरी-गोरी गोरियों को पड़े न कहीं रे दिल थामना

( हँसी-हँसी-हँसी गोरी मन-मन में
खिला-खिला-खिला प्यार तन-मन में )-२
कारे-कारे नैन खोले
सैंयाँ जी के पास डोले
हमें बतलाये ना

अब तो जी होने लगा किसी की सूरत का सामना
गोरी-गोरी गोरियों को पड़े न कहीं रे दिल थामना

( जब-जब-जब नैना पिया से मिले
धक-धक-द्जक मोरा जियरा हिले )-२
दुनिया ना जान जाये
कोई पहचान जाये
ऐसा करे राम ना

( अब तो जी होने लगा किसी की सूरत का सामना
गोरी-गोरी गोरियों को पड़े न कहीं रे दिल थामना )-२