रसते पे हम खड़े हैं दिल-ए-बेक़रार लेकर - The Indic Lyrics Database

रसते पे हम खड़े हैं दिल-ए-बेक़रार लेकर

गीतकार - कैफ इरफानी | गायक - सुरैया | संगीत - हंसराज बहल | फ़िल्म - राजपूत | वर्ष - 1951

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रसते पे हम खड़े हैं दिल-ए-बेक़रार लेकर
गुज़रोगे कब इधर से अपनी बहार ले कर
रसते पे हम खड़े हैं
थोड़ा सा प्यार दे दो हम ज़िन्दगी बना लें
हो ओ ओ थोड़ा सा प्यार दे दो हम ज़िन्दगी बना लें
हम ज़िन्दगी बना लें
थोड़ा सा प्यार ले कर
रसते पे हम खड़े हैं दिल-ए-बेक़रार लेकर
गुज़रोगे कब इधर से
अरमाँ मचल-मचल कर तुझसे ये कह रहे हैं
हो ओ ओ अरमाँ मचल-मचल कर तुझसे ये कह रहे हैं
आना ओ प्यार वाले आँखों में प्यार ले कर
रसते पे हम खड़े हैं दिल-ए-बेक़रार लेकर
गुज़रोगे कब इधर से
आवाज़ दे रही है शाम-ए-बहार तुमको
हो ओ ओ आवाज़ दे रही है शाम-ए-बहार तुमको
शाम-ए-बहार तुमको
दामन में मुस्कराते फूलों के हार ले कर
रसते पे हम खड़े हैं दिल-ए-बेक़रार लेकर
गुज़रोगे कब इधर से अपनी बहार ले कर
रसते पे हम खड़े हैं$