जब कभी जाम को होंठों से लगाया मैंने - The Indic Lyrics Database

जब कभी जाम को होंठों से लगाया मैंने

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - गुलाम अली | संगीत - जय-विजय | फ़िल्म - सौगात (गैर फिल्म) | वर्ष - 1996

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जब कभी जाम को होंठों से लगाया मैंने
रक्स करता हुआ देखा तेरा साया मैंनेमुझसे मत पूछ मेरे शहर के वाइज़ से पूछ
क्यूँ तेरी आँख को पैमाना बनाया मैंनेलोग कहते हैं वो तारीफ़ तेरे हुस्न की थी
आ सा गीत जो महफ़िल में सुनाया मैंनेशेर-ओ-नग़्मात का रिश्ता कभी टूटा न 'क़तील'
जब ग़ज़ल बनके वो आया उसे गाया मैंने