आप को प्यार छुपाने की बुरी आदत है - The Indic Lyrics Database

आप को प्यार छुपाने की बुरी आदत है

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - नीला आकाश | वर्ष - 1965

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आप को प्यार छुपाने की बुरी आदत है
आप को प्यार जताने की बुरी आदत है
आप ने सीखा है क्या दिल के लगाने के सिवा
आप को आता है क्या नाज़ दिखाने के सिवा
और हमें नाज़ उठाने की बुरी आदत है ...
किस लिये आप ने शरमा के झुका ली आँखें
इस लिये आप से घबरा के बचा ली आँखें
आप को तीर चलाने की बुरी आदत है ...
हो चुकी है देर बस अब जाइयेगा जाइयेगा
बन्दा परवर ज़रा थोड़ा सा करीब आइयेगा
आप को पास न आने की बुरी आदत है ...