चाहे रहो दुउर चाहे रहो पासो - The Indic Lyrics Database

चाहे रहो दुउर चाहे रहो पासो

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - दो चोर | वर्ष - 1972

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कि: चाहे रहो दूर चाहे रहो पास
सुन लो मगर एक बात
एक डोर से बँधोगी सनम किसी दिन हमारे साथ
ल: चाहे रहो दूर चाहे रहो पास
सुन लो मगर एक बात
तुम इस गली तो मैं उस गली के आऊँ कभी न हाथ
चाहे रहो दूर चाहे रहो पासल: मेरे पीछे-पीछे चले तो हो बाबू
पर ज़रा तिरछी है चाल
आशिक़ बनना जाओ कहीं सीखो तुम अभी दो-चार साल
चाहत के क़ाबिल बन जाओ फिर मैं करूँगी
फिर मैं करूँगी बातचाहे रहो दूर चाहे रहो पास
सुन लो मगर एक बात
तुम इस गली तो मैं उस गली के आऊँ कभी न हाथ
कि: चाहे रहो दूर चाहे रहो पासओ मेरी चंचल पवन बसंती करो नहीं यूँ बेक़रार
इन बाँहों में आना है तुमको आख़िर जान-ए-बहार
दिल थामे आओगी फिर मैं पूछूँगा तुमसे
पूछूँगा तुमसे बातचाहे रहो दूर चाहे रहो पास
सुन लो मगर एक बात
एक डोर से बँधोगी सनम किसी दिन हमारे साथ
ल: चाहे रहो दूर चाहे रहो पास
सुन लो मगर एक बात
तुम इस गली तो मैं उस गली के आऊँ कभी न हाथ
चाहे रहो दूर चाहे रहो पास