हम तेरी लगान में मगन बहुत दीन भटके - The Indic Lyrics Database

हम तेरी लगान में मगन बहुत दीन भटके

गीतकार - शिव कुमार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - जिंदगी और हम | वर्ष - 1962

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हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके(दिल है कि नहीं आता है बहलाने में)-२
क्या जाने क्या हो गया ये अन्जाने में
ये खेल खेल में देख प्रेम के लटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटकेमन में है कुछ मीठी मीठी तड़पन सी
बढ़ती जाती है छाती की धड़कन सी
दिल तोड़ न डाले प्रेम पंथ के झटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके(लहरों में बहकर हो गये न्यारे न्यारे)-२
हम से नैय्य, नैय्य से दूर किनारे
अरमान न जाने कहान कहान जा भटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके