दिन गुज़रा रात आई रे बालामी - The Indic Lyrics Database

दिन गुज़रा रात आई रे बालामी

गीतकार - | गायक - सुरैया | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - काजल | वर्ष - 1948

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दिन गुज़रा रात आई रे बालम
धड़कन लागा जी मेरा धड़कन लागा जी
मेरी एक ना मानी ऐ दिल -२
अब ग़म के आँसू पी
हो जी धड़कन लागा जी मेरा धड़कन लागा जी
दिन गुज़रा रात आईप्रीत की रीत कहूँ न जाने हो राम -२
जाने आग लगाना
जल-जल के मैं राख भई
अब जल-जल के मैं राख भई
एक बार मिल जाना हो राम एक बार मिल जाना
राम करे मैं मर-मर जाऊँ -२
तू बालम मेरे जी
हो जी धड़कन लागा जी मेरा धड़कन लागा जी
दिन गुज़रा रात आईबीत गईं वो चैन की रातें -२
सुख के वो दिन बीत गये -२
हार के बैठे गये दिल वाले -२
दिल के दुख इन बीत गये
भूल गया वो प्रीत लगा के -२
मैं याद करूँ किसकी
हो जी धड़कन लागा जी मेरा धड़कन लागा जी
दिन गुज़रा रात आई